All India News 24 – Nasa News Today दोस्तों , आपके सामान्य ज्ञान और छात्रों की परीक्षा के नज़रिए से ये जाना ज़रूरी है कि मंगल पर नासा का यह पहला रोवर नहीं हैं और ऐसा भी नहीं है कि मंगल पर नासा के कोई रोवर काम नहीं कर रहा है। लेकिन फिर भी पर्सिवियरेंस रोवर कई लिहाज़ से अहम है और उसको लेकर नासा और उसके वैज्ञानिकों की बहुत सी आशाएं टिकी हैं। पर्सिवियरेंस का मंगल पर सबसे अहम प्रयोग है वहां पर ऑक्सीजन का उत्पादन। Nasa News Today इसके लिए नासा ने रोवर के साथ मार्स ऑक्सीजन इनसीटू रिसोर्स यूटिलाइजेशन एक्सपेरिमेंट या MOXIE भेजा है। मॉकसी का काम मंगल की कार्बन डाइ ऑक्साइड को ऑक्सीजन में बदलने का होगा जो मंगल यात्रियों के लिए काम तो आएगी ही , साथ ही ईंधन की तरह भी काम करेगी। नासा के लिए पर्सिवियरेंस का एक अन्य अहम प्रयोग मंगल से मिट्टी के नमूने जमा करना है जिन्हें पृथ्वी पर लाया जाएगा। Nasa News Today इससे मंगल पर जीवन की संभावना और उससे संबंधित इतिहास की जानकारी मिलेगी। 1970 के बाद नासा का यह पहला मिशन है जो मंगल ग्रह पर जीवन के निशान तलाशने के लिए गया है। ये अंतरिक्षयान जैसे ही मंगल ग्रह की ज़मीन पर उतरा , वैसे ही नासा के कंट्रोल सेंटर में बैठे वैज्ञानिकों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। इनमें से एक स्वाति मोहन भी थीं। देश का नाम रौशन करने वाली स्वाति मोहन जब एक साल की थीं तब ही उनका परिवार भारत से अमेरिका शिफ्ट हो गया। स्वाति ने वॉशिंगटन से शुरुआती पढ़ाई की जब वो नौ साल की थीं तब उन्होंने स्टार ट्रेक देखना शुरू किया। ये एक मशहूर साईफाई सीरीज़ है। Nasa News Today इस सीरीज़ से वो काफ़ी प्रभावित हुईं। अंतरिक्ष और यूनिवर्स के रहस्यों को जानने की उत्सुकता उनके मन में इसी सीरीज़ की वजह से जागी। हालांकि , बचपन में वो साइंटिस्ट नहीं डॉक्टर बनना चाहती थीं। वो भी बच्चों की डॉक्टर। लेकिन उनका लक्ष्य तब बदल गया जब उन्होंने फिज़िक्स की क्लासेस लीं और उन्हें कुछ बहुत अच्छे टीचर्स मिले। जिसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग को करियर ऑप्शन के तौर पर चुना। स्वाति कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से मेकैनिकल एंड एयरोस्पेस में बीएस की डिग्री ली। बाद में MIT से एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स में मास्टर्स और PhD की और वो स्पेस साइंटिस्ट बन गईं। यूनिवर्स को लेकर उनके मन में कई सवाल आते , जवाब ढूंढने के लिए वो खूब पढ़ाई करतीं। Student News इस तरह वो नासा पहुंच गईं। नासा से जुड़ने के बाद स्वाति ने शनि के लिए कैसिनी और चांद के लिए ग्रेल मिशन पर काम किया। उनके काम को देखते हुए उन्हें मंगल के पर्सीवियरेंस मिशन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई। स्वाति का कहना है कि वे यूनिवर्स की उन जगहों को देखना और समझना चाहती हैं जहां के बारे में आम लोग कभी भी नहीं सोचते। Student News उन्होंने कहा कि वे नासा के अलग – अलग मिशन में शामिल होकर ऐसा करना चाहती हैं। दोस्तों , अगर आपको भी स्पेस स्टडीज़ में दिलचस्पी है तो हम बता दें एक बेहतरीन मौके के बारे में दरअसल , NASA , Texas Space Grant Consortium 31. Austin Center for Space Research of Texas University STEM यानी Science , technology , engineering , , and mathematics करियर में हाई स्कूल के छात्रों की रुचि को प्रोत्साहित करने के लिए एक मौका लेकर आये हैं। STEM Enhancement in Earth Science नाम के कोर्स के तहत छात्रों को Austin , Texas में अपने ऑनसाइट इंटर्नशिप से पहले 17 से 31 जुलाई , 2021 तक दूर रहकर भी काम करने की अवसर दिया जाएगा। प्रतिभागी अपने चुने हुए क्षेत्रों में वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के साथ काम करते हुए प्रामाणिक शोध कर सकते हैं। इस इंटर्नशिप कोर्स के तहत छात्रों को आवास , परिवहन और भोजन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएँगी। आवेदन 1 मार्च , 2021 तक कर सकते हैं। Student News आवेदन और बाकी डिटेल्स के लिए आप नीचे दिए link को फॉलो कर सकते हैं और अपना सपना पूरा कर सकते हैं ! -दोस्तों , जब सारी दुनिया इस रोवर के ऐतिहासिक लैंडिग को देख रही थी उस दौरान कंट्रोल रूम में बिंदी लगाए स्वाति मोहन पूरी प्रोजेक्ट टीम को लीड कर रही थी। स्वाती मोहन की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी वायरल हुईं , और लोगों से बहुत प्रशंसा मिली। इस मिशन की सफलता में भारतीय अमेरिकी डॉ स्वाति मोहन ने अहम भूमिका निभाई है। हमें भारतीय होने के नाते उनपर गर्व है ! Student News दोस्तों , हर क्षेत्र में अपना दबदबा क़ायम करने वाली भारतीय महिलाओं के बारे में आप क्या कहेंगे ? हमें कमेंट करके ज़रूर बताये अज के लिए बस इतना हे मिलते है फिर इसी तरह की ताज़ा खबरों के साथ हमारे न्यूज़ नेटवर्क को फॉलो करना बिलकुल भी न भूले जय हिंद जय भारत।