All India News 24 – India China News / UAV Drone Special नमस्कार मे हु मोहम्मद समीउल्लाह दोस्तों। भारतीय सेना के जांबाज़ ज़मीन , आसमान और समंदर , हर जगह पैनी नज़र रख कर , देश की सुरक्षा में हर वक़्त डटे रहते है। पर फिर भी , सुरक्षा दृष्टिकोण से कभी कभी ऐसी परिस्थितियां या क्षेत्र होते है। जहाँ सैनिकों की बजाय तकनीकी ज़्यादा कारगर और सुरक्षित साबित होती है।
जैसे की UAV यानी Unmanned Aerial Vehicle मतलब मानव रहित विमान , एक ऐसा ही उदाहरण है। तो आज की ख़ास रिपोर्ट में हम बात करेंगे , इसी UAV ड्रोन के बारे में , जो भारतीय वायुसेना की ताक़त को कई गुना बढ़ाता है। पड़ोसी दुश्मन देशों को सबक सिखाता है और आपके एग्जाम में सवाल बनकर आ सकता है। तो बने रहिये इस रिपोर्ट में अंत तक हमारे साथ। भारतीय सेना ने हाल ही में , पिछले महीनें 75 स्वदेशी मानव रहित वाहनों यानी UAV को सेना में शामिल करते हुए अपनी ड्रोन क्षमताओं को और मज़बूत किया है।
India China News / UAV Drone Special
जिसका इस्तेमाल दुश्मन के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए युद्धक अभियानों के दौरान भी किया जा सकेगा। इससे सेना की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाया जा सके और ज़मीनी स्तर पर सैनिकों की सहायता के लिए लक्षित हमलों पर निशाना साधा जा सकेगा . पिछले कुछ महीनों में LAC पर चीन के साथ लद्दाख में बने तनावपूर्ण माहौल और LOC पर पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम के लगातार उल्लंघन को देखते हुए भारतीय वायुसेना अपने बेड़े में UAV ड्रोन्स को शामिल कर रही है।
दोस्तों , UAV के ज़रिए अचूक हमला करने लिए ड्रोन को रणनीति के तहत एक झुंड में फैलाया जाता है। जिसे स्वार्म ड्रोन तकनीक कहते हैं। ये ड्रोन न केवल हल्के वज़न वाले और कम लागत वाले हैं बल्कि ये हाई टेक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से भी लैस है जो इन्हें भविष्य के युद्ध के लिए ख़ास बनाती है। स्वार्म ड्रोन तकनीकी भारी तबाही मचा सकती हैं , क्योंकि यह रडार या एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देने में सक्षम है। इस तकनीक का दुनियाभर में उपयोग किया जाता है।
India China News / UAV Drone Special
2018 में , रूस में दो रूसी सैन्य ठिकानों पर UAV स्वार्म ड्रोन तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए हमला किया गया था। दोस्तों , UAV में बेहद ख़ास विशेषताएँ होती है , ये ड्रोन 50 किलोमीटर तक उड़ सकता है और महज़ 500 मीटर की दूरी से दुश्मन के क्षेत्र में निशाना साधने में सक्षम है। UAV में एक मदर ड्रोन होता है जिसमें चाइल्ड ड्रोन लगे होते हैं। मदर ड्रोन से चाइल्ड ड्रोन निकलते हैं और इनके अलग – अलग लक्ष्य होते हैं।
यही चाइल्ड ड्रोन अपने लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट कर देते हैं। इस तरह के हर झुंड में दर्जनों ड्रोन विमान हो सकते हैं। अगर उन्हें दुश्मन सीमा में देख भी लिया गया , तो कुछ ड्रोन मार गिराए जाएंगे , लेकिन झुंड में मौजूद विमानों की संख्या इतनी ज़्यादा हो सकती है कि सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों वाले दुश्मन के रक्षा कवच के पलटवार के बावजूद कुछ विमान चकमा देकर मिशन को पूरा कर सकेंगे। अभी हाल ही में दिल्ली कैंट में 15 जनवरी को सेना दिवस की परेड के दौरान भारतीय सेना ने 75 स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किए गए ड्रोन्स का सार्वजनिक प्रदर्शन भी किया था।
India China News / UAV Drone Special
चलिये अब आपको बताते है कि ये ड्रोन काम कैसे करता है । दरसअल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए , यह ड्रोन बिना किसी मानव हस्तक्षेप के , दुश्मन के इलाके में जाकर लक्ष्य पर निशाना साधने में सक्षम है। यहाँ धियान देने वाली बात यह है की ये ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑनबोर्ड अडाप्टिव कंप्यूटरों के उपयोग से लक्षित क्षेत्र में ऑटोमेटेड , रैंडमाइज्ड सोनिक मिशन को अंजाम देते हैं। यह निरंतर सेटेलाइड फीड द्वारा संचालित होते हैं। फ़िलहाल यह भारती सेना के मोहिम् में इस्तेमाल किये जारही है इन ड्रोन्स का इस्तेमाल ऑर्डरोपींग फ़ूड , दवा, गोल बारूद या फिर सैनिको के लिए अन्य आवश्यक चीज़ों को पोहचनै को लेकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
या आपको बता दे की भारतीय सेना ने दृम्मेर स्टार्टअप्स MSME प्राइवेट सेक्टर्स अकादमीय दर्दो और दुफरेंस पब्लिक सेक्टर्स अंडरटेकिंग के साथ कॉडिनाशन में टेक्नोलॉजी पहल की एक वयापक सीरीज की एक शुरुवात की है हॉल ही में सेना ने बेहद उचाई वाले क्षेत्रों के लोए करीब 140 करोड़ रुपये की लागत वाले 100 से अधिक ड्रोन का आर्डर दिया है इन ड्रोनस का मकसद लद्दाक में भारत और चीन के ताना तानी के बिच अस्स पास के क्षेत्रों के निगरानी क्षमता को बढ़ाना है।
India China News / UAV Drone Special
दोस्तों सेना में ड्रोन्स का इस्तेमाल तोह संध्या सानिया ताकतों को बढ़ाएगा वैसे यहाँ आपको याद दिला दे की अभी हाल हे में यहाँ फ़ूड डिलीवरी कंपनी जोमाटो खाना डिलीवर करने में ड्रोन का इस्तेमाल पर काफी ज़ोर डेराही थी। हलाकि यह ड्रोन्स सेना में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन से थोड़ा अलग होंगे दोस्तों आपका क्या कहना है। क्या ड्रोन्स का इस्तेमाल सेना के इलावा आम कंपनियों या लोगो के लिए भी होना चाहिए या नही कमेंट करके अपनी बात जरूर रखे लेख को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर ज़रूर करे जय हिन्द जाये भारत ।