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पटनाः वैक्सीनेशन का डेमो ही फेल हो गया है । जिन हेल्थ वर्करों पर वैक्सीनेशन का डेमो किया जाना था , वह आए ही नहीं । स्वास्थ्य विभाग ने आनन – फानन में आशा कार्यकर्ताओं को बुला लिया और सभी का नाम बदलकर उन पर डेमो करा दिया । डेमो में हर स्तर पर ट्रायल करना था , इसमें मोबाइल पर आए मैसेज और फिर उससे संबंधित लाभार्थी में धूल झोंक कर ट्रायल की औपचारिकता कर ली गई । जिसपर पहला डेमो किया गया , उसका उषा नाम बताया गया , डीएम पहचान पत्र मांगते रह गए लेकिन वह नहीं दिखा पाई । मंत्री के साथ अफसरों को गुमराह क्यों किया गया , यह बड़ा सवाल है । ऐसे में वैक्सीनेशन की सफलता पर सवाल वैक्सीनेशन को किया फैल वैक्सीनेशन डेमो को करना पड़ेगा रेजिस्ट्रेशन बिना रेजिस्ट्रेशन वैक्सीनेशन नही होगा
भी वैक्सीनेशन नहीं होना है । भीड़ और पारदर्शिता को लेकर ही प्री रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बनाई गई है । इसके लिए सरकार ने को – विन एप बनाया गया है ।वैक्सीन डेमो के साथ था जिसके मोबाइल पर मैसेज था लेकिन कोई नही आया काम रोक दिया गया किसी के पास भी आईडी न होने के कारण स्वास्थाय केंद्र मे रेजिस्ट्रेशन की तैयारी थी लेकिन बुलाये हुए लोग नही आये, वह डेमो के लिए नहीं आए थे । आनन फानन में उनके भी डमी तैयार कर लिए गए । आशा कार्यकर्ताओं को लगाया गया और सभी के नाम बदल दिए गए । सभी ने अपना नाम बदला और अपने हाथ पर बदला नाम लिखवाया डीएम सिंह आये काउंटर पर उषा सिन्हा ने सबसे पहले लिया वैक्सीन ( नाम बदला ) सब ने मोबाइल पर आया मैसेज दिखाने को कहा लेकिन उन्हों ने कुछ नही कहा। इतना ही नहीं डीएम केपहचान पत्र न दिखाने के वजह से डीएम के पूछने से पोल न खुले इसलिए मैसेज दिखाया अधिकारियो ने। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने ऐसा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के सवालों पर भी किया ।
झारखंड के छह जिलों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन
रांची : कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र सरकार जोर – शोर से तैयारियों में जुटी है । शनिवार को पूरे देश में वैक्सिनेशन का ड्राई किया गया । इसी के तहत झारखंड के छह जिलों में कोरोना टीकाकरण का ड्राई रन का काम शुरू हुआ । मॉक ड्रिल में वैक्सीनेशन को लेकर पूर्वाभ्यास में आई कठिनाईयों को दूर किया गया । राजधानी रांची के सदर अस्पताल समेत तीन स्थानों पर कोरोना टीके का ड्राई रन हुआ । डब्ल्यूएचओ की टीम की निगरानी में हुए मॉक ड्रील में टीकाकरण में आने वाली चुनौतियों का पता लगाने की कोशिश की गई । जानकारी के मुताबिक , तीन रूम बनाया था ट्रायल के लिए पहले रूम में टिककरन का रेजिस्ट्रेशन और दूसरे रूम में टीकाकरण का मॉक ड्रिल पूरा किया गया । तीसरे कमरे में टीका लेने वाले को आधे घंटे और मोरमल्ली 50 मिनट्स तक नज़र रखा गया। स्वस्स्था विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अगर किसी की तबयत ख़राब होजाये तोह मरीज को आधुनिक सुविधाओं से भरऐ वार्ड में लेजाया जाएगा और ऑक्सीजन और अन्य सुविधा दी जायेगी । टीकाकरण के लिए अस्पताल कई पास हि बूट बनाया गया है और आगे भी ऐसा होगा इसलिए तुरंत बेहतर मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई गई । मॉक ड्रिल के दौरान केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देश का पालन किया गया ।